
अगर आप बहुत भारी वजन उठाने का काम करते हैं या कंप्यूटर पर रोज 8 घंटे से ज्यादा बैठकर काम करते हैं या व्यायाम बिल्कुल नहीं करते और फास्ट फूड ज्यादा खाते हैं या फिर आपकी दिनचर्या में मानसिक तनाव बहुत होता है तो आपको मांसपेशियों की गांठ बनने की संभावना ज्यादा है यह गांठ ज्यादातर गर्दन और कंधे के पीछे ,कमर और कूल्हे पर सबसे ज्यादा बनती है और इनमें छूने या दबाने पर दर्द होता है।
यह गांठे जिन्हें ट्रिगर पॉइंट्स के रूप में भी जाना जाता है तब होती है जब आपके मांसपेशियों के फाइबर आराम नहीं कर पाते। ज्यादातर यह गांठे कंधे के ट्रेपीजियस मांसपेशी में बनती हैं।
क्या लक्षण है?

मांसपेशियों की गांठ आप की मांसपेशी और जोड़ों में दर्द पैदा कर सकती है। जब आप एक मांसपेशी गांठ को छूते हैं, तो इसमें सूजन, तनाव और उबड़ खाबड़ सा महसूस हो सकता है। जब आप आराम करने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो भी यह तंग ,सिकुड़ा हुआ और खिंचाव सा महसूस हो सकता है। यह अक्सर स्पर्श के प्रति संवेदनशील होते हैं और इसमें सूजन भी हो सकती है। आप तनाव चिंता और डिप्रेशन का अनुभव भी कर सकते हैं और आपको सोने में कठिनाई हो सकती है।
छुटकारा पाने के तरीके
निम्न तरीकों को अपनाकर आप पीठ में होने वाली गांठ से छुटकारा पा सकते हैं।
1. बताए गए तरीके से मसाज करें
छूकर गांठ को महसूस करे और अपनी उंगली या अंगूठे का प्रयोग करके दर्द सहने तक कुछ सेकंड तक दबाकर रखें ,इसके बाद उंगली या अंगूठे को गोल गोल(circular motion) घुमाकर मसाज करें।मालिश करते समय गांठ के फाइबर को दबाकर ढीला करने पर फोकस करें।
2. मांसपेशी का स्ट्रेचिंग व्यायाम करें
जिस मांसपेशी में गांठ है उस मांसपेशी का नियमित रूप से छोटी छोटी अवधि में स्ट्रैचिंग करें। कम से कम 30 सेकंड तक प्रतिदिन तीन चार बार करने से उस मांसपेशी के खिंचाव में आराम मिल सकता है।
3. नियमित व्यायाम करें।
ज्यादातर ये गांठे या ट्रिगर पॉइंट्स तब होते हैं जब हम सेडेंटरी लाइफ़स्टाइल जीते हैं या ज्यादा देर तक एक जगह पर बैठकर काम करते हैं जबकि हमारे शरीर को नियमित मूवमेंट यानी चलन में रहने की जरूरत होती है। इसलिए हमें अपनी दिनचर्या बदलने की जरूरत है और रोज कम से कम 30 मिनट तक एरोबिक व्यायाम करना चाहिए, और वास्तव में रोजाना 30 मिनट का एरोबिक व्यायाम आपके इन लक्षणों को दूर करने या दोबारा ना होने देने में अत्यधिक प्रभावी साबित होगा।
4.हीट थेरेपी( गरम सिकाई)
मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए गर्म पानी की बोतल या बैग ,हीट पैच, सोना बाथ, या इप्सम नमक का बाथ आप आजमा सकते हैं। यह मांसपेशी में रक्त का संचार बनाता है और मांसपेशी में होने वाले खिंचाव या तनाव को कम करता है जिससे नॉट अप्वॉइंट के दर्द और खिंचाव को कम करने में मदद मिलती है।
5. अपनी मुद्रा में परिवर्तन करें।
अगर आप की गांठ का कारण एक ही मुद्रा में ज्यादा देर तक बैठकर काम करना है तो हर 25 से 30 मिनट के बाद अपने बैठने की मुद्रा को परिवर्तित कर ले या फिर बीच में उठकर टहलने या 1 से 2 मिनट का स्ट्रेचिंग व्यायाम कर ले। इससे आपकी मांसपेशी पर खिंचाव भी कम होगा और नई गांठों को बनने से रोकने में भी काफी मदद मिलेगी।
6. अपने खानपान में परिवर्तन करें।
हमें डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए
स्वास्थ्यवर्धक आहार ले जिसमें कैल्शियम पोटेशियम और मैग्नीशियम बहुतायत में हों। और प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन अवश्य करें अमूमन हमें दो से ढाई लीटर पानी प्रतिदिन अवश्य पीना चाहिए। प्रोसैस्ड फूड और फास्ट फूड की जगह ताजे खाने को प्राथमिकता दें।
हमें डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए।

मांसपेशियों की गांठे ना हो इसके लिए उपरोक्त कदम उठाए जा सकते हैं। इसके बावजूद अगर गांठे हो जाएं या ठीक ना हो रही हो (कम से कम 3 हफ्ते तक उपरोक्त उपाय करने के बाद)तो हमें चिकित्सक से अवश्य संपर्क करना चाहिए। चिकित्सक इस बात की जांच करेंगे कि कहीं यह गांठ किसी और वजह से तो नहीं हो रही है। और उसका उचित इलाज सुझायेगे।
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