बच्चों के लिए जूते खरीदते समय कैसे जूतों का चयन करें

जब आप अपने बच्चों के लिए जूतों की खरीदारी करने जाते हैं तो सबसे प्यारी जोड़ी देखकर अभिभूत हो जाते हैं। यह स्वाभाविक है। लेकिन अपने छोटे लड़के या लड़की के लिए सही सबसे अच्छा जूता चुनना फैशन की तुलना में फिट,कार्य और पैरों के सही विकास पर ज्यादा निर्भर होना चाहिए। एक अच्छा सही जूता पाने का प्रयास करने से उसके स्वस्थ पैरों को विकसित करने में जीवन भर मदद मिलती है।

एक बच्चे का पैर 18 साल की उम्र तक विकसित करना जारी रहता है, यही कारण है उचित जूता आपके बच्चे के पैर के सही विकास , पैर के स्वास्थ्य और कार्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

अल्प अवधि में जो जूते सही ढंग से फिट नहीं होते हैं वो आपके नन्हे मुन्ने के पैरो में दर्द पैदा कर सकते हैं, साथ ही कैलिस,कॉर्न, इंग्रोविंग टो नेल,फफोले भी।

लंबी अवधि में, पैर और पैर की अंगुली की विकृति(deformity) जैसे अधिक गंभीर मुद्दे विकसित हो सकते हैं। यदि आपका बच्चा अपने पूरे विकास के वर्षों में खराब फिटिंग के जूते पहनता है – विशेष रूप से 5 वर्ष की आयु से पहले तो यह मुद्रा(posture) या साथ ही साथ अन्य दीर्घकालिक समस्याएं भी पैदा कर सकता है – या यह जीवन में बाद में पीठ दर्द का भी कारण बन सकता है। वास्तव में वयस्क में पैरो की कई समस्याएं बचपन में खराब फिटिंग वाले जूते पहनने से होती हैं।

जूतों की खरीदारी का क्या समय होना चाहिए

जूते की खरीदारी हमेशा दोपहर के बाद या शाम के समय की जानी चाहिए, क्योंकि दिन के दौरान पैर सूज जाते हैं।

बच्चों के पैर के विकास के महत्वपूर्ण बिंदु

पैदा होने पर पैर में 22 हड्डियां होती हैं ,व्यस्क में पैर 26 हड्डियों और 35 जोड़ों से मिलकर बना होता है जिसे लिगामेंट एक साथ रखने में मदद करता है छोटे बच्चों का पैर लचीला और काफी वसायुक्त होता है। बच्चे प्रायः 8 से 18 महीने के बीच चलना शुरू कर देते हैं। जब वे पहली बार चलना शुरू करते हैं अधिकांश बच्चे सपाट पैर(फ्लैट फुट) वाले होते हैं, समय के साथ(6 साल तक) धीरे धीरे पैर का आर्च विकसित होता है, इस उमर में बच्चे कभी-कभी पैर को अंदर की ओर मोड़ कर चलते हैं लेकिन जैसे-जैसे मांसपेशियों की ताकत ,लिगामेंट की कठोरता और हड्डियां विकसित होती है वैसे ही पंजा पूरा विकसित हो जाता है और बच्चे सीधा पैर रखकर चलने लगते हैं।

चलना सीखने वाला बच्चा पैरों के तलवों से महत्वपूर्ण संवेदी सूचनाएं प्राप्त करता है जिससे पैर के हड्डियां मांसपेशियां और लिगामेंट विकसित होने में मदद मिलती है। जूते उन्हें चोट ,गर्मी और ठंड से बचाव में मदद करते हैं। इसलिए जितना हो सके चलना सीखने वाले बच्चों को नंगे पैर या बहुत ही मुलायम तलवे वाले जूते पहन कर चलाना चाहिए ताकि वे महसूस कर सके कि वह अपने पैरों से क्या छूते हैं।

समय के साथ जब बच्चे अपने दम पर सामान्य रूप से चलने लगे तो उन्हें मजबूत तलवे वाले जूते की तरफ ले जाया जा सकता है।

बच्चों के जूतों में चार प्राथमिक विशेषताएं होनी चाहिए ताकि उनके पैरों को स्वस्थ और स्वाभाविक रूप से विकसित होने में मदद मिल सके;

लचीलापन(flexibility)

सपोर्ट(support)

फिट (fitting)

गुणवत्ता(quality)

कैसे पता करें कि जूता बदलने की जरूरत है।

ज्यादातर छोटे बच्चे शिकायत नहीं कर पाते कि जूता उनके लिए असहज है या उसे बदलना चाहते हैं।इसलिए समय-समय पर अपने बच्चों के जूतों की जांच करना एक अच्छा उपाय है कि जो अभी उन्होंने पहना है वह उनके लिए काम कर रहा है या नहीं।

यह देखिए कि जूता एक तरफ को कहीं फूल तो नहीं रहा, जूते में पैर की उंगलियां ऊपर की ओर तो नहीं मुड़ रही, जूता किसी तरफ कस तो नहीं रहा, पैर के किनारे या उंगलियों पर निशान तो नहीं बना रहा , जूते के तलवे और एड़ी अन्य जगहों से ज्यादा घिसे हैं। तो यह समय है जब आपके बच्चे के जूते को बदलने की जरूरत है।

पैरों के सही विकास के लिए जूता कैसे चयन करें।

बहुत महंगा जूता खरीदने का विचार अच्छा नहीं है बल्कि पैरों के विकास को आधार बनाकर सही जूते का चयन करना चाहिए। और जूता भी कुछ महीनों में बच्चे की बढ़त के अनुसार कई बार बदलना पड़ता है।

जूतों के चयन के लिए किसी प्रशिक्षित जूते की दुकान पर जाना चाहिए जहां पर प्रशिक्षित जूते की नाप लेने वाले और जूते के चुनाव में सही मार्गदर्शन देने वाले कर्मचारी हों। परंतु भारत में सभी शहरों में ऐसे अनुभवी प्रशिक्षित कर्मचारी कम ही उपलब्ध हो पाते हैं इसलिए हमें भी जूते की नाप और जूते का चुनाव पैरों के सही विकास को ध्यान में रखकर कैसे करना चाहिए, इसके बारे में ज्ञान होना आवश्यक है।

जूते की सही नाप कैसे करें

चूकीं बच्चे का एक पैर दूसरे पैर से बड़ा होता है इसलिए बड़े पैर की नाप लेकर जूते का चुनाव करना चाहिए और इसे शाम को करना चाहिए। अगर बच्चा एक पैर पर वजन देकर खड़ा हो सकता है,तो एक स्टैंड रखकर इसे ट्राई करे क्योंकि इससे पैर लंबा हो जाता है और सटीक साइज पता करने में मदद मिलती है।

ये भी ट्राई कर सकते हैं।

यदि जूते में एक हटाने योग्य शू इंसर्ट है, तो इसे बाहर निकालें और अपने बच्चे को उस पर खड़ा करें ताकि आपको बेहतर तरीके से पता चल सके कि वहां कितना स्पेस है। अगर बच्चे की एड़ी , शू इंसर्ट की एड़ी के ठीक ऊपर हो तो बच्चे के पैर की उंगलियों और शू इंसर्ट के सामने के बीच लगभग आधा इंच की जगह होनी चाहिए।

जूते में क्या देखना चाहिए

1. जूते को पैर के साथ रख कर देखें जूते की लंबाई बच्चे की सबसे लंबी उंगली की लंबाई से डेढ़ से 2 सेंटीमीटर ज्यादा होनी चाहिए। 3 सेंटीमीटर से ज्यादा जगह होने पर अधिक बड़ा जूता हो जाएगा, 1 सेंटीमीटर या उससे कम है तो जूता छोटा पड़ेगा।

2. अंगूठा टेस्ट का इस्तेमाल करें अंगूठे की लंबाई 2 सेंटीमीटर तक होती है अंगूठे से बच्चे के पैर की बड़ी उंगली के आगे और जूते के शुरुआती छोर के बीच में दबा कर देखें, अंगूठे की मोटाई के बराबर जगह होनी चाहिए।

3. बच्चे की एड़ी और जूते के बीच में अपनी छोटी उंगली(कानी उंगली) डाल कर देखें, यह आरामदायक तरीके से अंदर जानी चाहिए, ज्यादा ढीली या ज्यादा कसी ना हो। कसे होने पर जूते के पीछे का हिस्सा बच्चे के पैर की एड़ी पर फफोले बना सकता है और ज्यादा ढीला होने पर चलते समय पैर बाहर निकल सकता है।

4. बच्चे के पैर को एड़ी से मोड़ कर देखें बच्चे को जूता पहना कर एड़ी हाथ से पकड़ कर दोनों बगल घुमा कर देखें यदि जूता ईडी से रगड़ रहा है तो यह फफोले या कैलस बना सकता है।

5. जूता पहना कर ऊपर से बच्चे की छोटी उंगली चेक करें जूते के ऊपर से छूने पर आपको बच्चे की छोटी उंगली महसूस होना चाहिए और यह जूते के दीवाल से कसी न हो बच्चा अपनी छोटी उंगली जूते के अंदर मोड़ सके। अगर छोटी उंगली कसी है या उसे मोड़ नहीं पा रहा है तो समझ लेना चाहिए जूते का साइज छोटा है।

6.जूता की गहराई और जगह चेक करें जूते की गहराई चेक करके सुनिश्चित करें की जूते का ऊपरी हिस्सा पैर की उंगली या उंगलियों के नाखून को तो नहीं दबा रहा है। जूते के आगे का हिस्सा गोल होना चाहिए ना कि नुकीला या चपटा, जिससे पैर की उंगलियों को पर्याप्त जगह मिल सके।

7. जूते का ऊपरी भाग लेदर, कैनवास या दूसरे जाली नुमा मटेरियल का बना होना चाहिए, जिससे हवा आ जा सके और पैर सांस ले सके क्योंकि बच्चों के पैर में पसीना बहुत निकलता है। प्लास्टिक आदि मानव निर्मित मटेरियल के इस्तेमाल से बचना चाहिए।

8. जूते के अंदर का सोल(तलवा) भी सोखने वाले मटेरियल का बना होना चाहिए। छोटे बच्चों के सोल में आर्च सपोर्ट की जरूरत नहीं होती। 18 महीने के बाद पैर में आर्च का विकास शुरू होता है और 5-6 साल की उम्र तक पूरा हो जाता है।

9. बाहरी सोल (तलवा)कुशन और लचीलापन देने वाला होना चाहिए। रबड़ के बने हुए तलवे बच्चों के लिए बहुत अच्छे होते हैं क्योंकि यह स्लिप होने से बचाते हैं और लचीलापन भी प्रदान करते हैं। पैटर्न वाले बाहरी सोल का भी चुनाव कर सकते हैं क्योंकि यह जमीन पर ग्रिप(पकड़) बनाए रखता है और बच्चों के दौड़ने पर गिरने से बचाता है।

10. एड़ी छोटे बच्चों को एड़ी की कोई आवश्यकता नहीं होती है। सपाट बाहरी तलवों से चलना आसान हो जाता है। बड़े बच्चे एड़ी वाले जूते पहन सकते हैं लेकिन वह बहुत अधिक(1इंच से ज्यादा लंबा) नहीं होना चाहिए क्योंकि ऊंची एड़ी की वजह से पैर आगे खिसक जाता है और पैर की उंगलियों को जूते के अंदर की तरफ दबा सकता है।

11. फीते,वाल्क्रो या स्लिप इन शू फीते या वाल्क्रो वाले जूते का इस्तेमाल करना अच्छा है स्लिप इन या बैकलेस जूतों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

उम्र के हिसाब से सही जूता चुनने के कुछ टिप्स

1.प्री वाकिंग शू

बहुत छोटे बच्चों(up to 18 मंथ) को चलना शुरू करने से पहले जूते की जरूरत नहीं होती है उन्हें घर के अंदर नंगे पैर या गरम चौड़े मोजे पहना कर चलाया जाना चाहिए। अगर बाहर ले जाने पर जूते की जरूरत है तो बिना सोल के ऐसे लचीले जूते जो पैर को ना बांधे, का इस्तेमाल करना चाहिए।

2.वाकिंग(टोडलर जूते)

टॉडलर्स (9 महीने से 3 साल की उम्र)मैं बिना एड़ी व आर्च के लचीले जूते, सांस लेने वाले मटेरियल जैसे लेदर या कैनवास के बने हुए लेना चाहिए। क्योंकि इस उम्र के बच्चों में पसीना बहुत आता है इसलिए सिंथेटिक जैसे प्लास्टिक व फाइबर से बचना चाहिए। हल्के जूते चुने क्योंकि बच्चे इस उम्र में चलने में बहुत अधिक ऊर्जा खर्च करते हैं। घर के अंदर जैसे संरक्षित वातावरण में नंगे पैर रखना बेहतर है।

3. स्कूल जाने वाले बच्चों के जूते

स्कूली उम्र के बच्चों के लिए स्टाइल और शू फिट महत्वपूर्ण है। इस उम्र में, वे एथलेटिक जूते, सैंडल, लंबी पैदल यात्रा के जूते आदि कई विकल्पों में से चुन सकते हैं। उचित मूल्य, लचीलापन, अच्छी तरह हवादार जूते देखें जिसमे पैरों के विकास के लिए पर्याप्त जगह हो। यदि आपको फिट होने वाले जूते खोजने में बहुत कठिनाई होती है, या यदि आपके बच्चे को कॉलस, घाव या अन्य पैर की समस्यायें विकसित होने लगती हैं, तो अपने आर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श लें।

यदि आपके परिवार में पैर की समस्याओं का कोई इतिहास है तो अपने बच्चे की जल्द जांच कराना महत्वपूर्ण है। फ्लैट फुट या अन्य समस्याओ वाले माता-पिता को अपने बच्चे(जैसे ही वह चलने लगे) को ऑर्थोपेडिक सर्जन या बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।

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Published by Vivekswarnkar

Dr. Vivek Swarnkar, an Orthopedic Surgeon with more than 15 years of experience.

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