गर्भावस्था में कमर दर्द के क्या कारण हैं

गर्भावस्था(pregnancy) कई नए लक्षण दिखाई देते है कमर दर्द भी उनमें से एक है।कमर दर्द होने के आसार प्रेग्नेंसी में बहुत होते हैं।लगभग 50% महिलाओं को प्रेग्नेंसी में कमर दर्द होता है।

प्रेगनेंसी के दौरान कमर का दर्द कभी भी हो सकता है पर पांचवें और सातवें महीने में यह ज्यादा होता है। ज्यादातर यह दर्द पेल्विस के पिछले हिस्से कमर के पास में होता है , पर कभी-कभी आगे निचले हिस्से में और आगे और पीछे जांघों में भी हो सकता है।

Pregnancy में कमर दर्द के क्या कारण हैं।

1. हार्मोन परिवर्तन

गर्भावस्था की पहली तिमाही में शरीर में प्रोजेस्ट्रोन और रिलैक्सिंग हार्मोन का स्तर बढ़ता है यह हार्मोन पेल्विस के जोड़ और लिगामेंट को शिथिल बनाते हैं और फैलाते हैं जिसकी वजह से कमर दर्द होता है।

2.मानसिक तनाव

चिंता ,अवसाद और तनाव प्रेगनेंसी में हो सकते हैं जिसकी वजह से मूड चेंज थकान, दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है। थोड़ा बहुत चिंता और तनाव प्रेगनेंसी में नॉर्मल है पर अधिक होने पर यह मां और बच्चे दोनों के लिए चिंता का कारण बन सकता है।

3.मुद्रा(posture)

गर्भावस्था में बच्चे के कारण बढ़े हुए वजन की वजह से मां के शरीर का गुरुत्वाकर्षण केंद्र(centre of gravity) आगे की ओर हो जाता है और यह कमर दर्द का कारण बनता है।

4.वजन का बढ़ना

मां का वजन बढ़ने की वजह से स्पाइन,पेल्विस,और कमर पर दबाव पड़ता है, और कमर दर्द का कारण बनता है।

5. अगर पहले से कमर दर्द रहता है

अगर पहले से कमर दर्द के रोगी हैं तो प्रेगनेंसी में यह समस्या और बढ़ सकती है।

गर्भावस्था में कमर दर्द से बचने के उपाय

1.सही मुद्रा का अभ्यास करें

  • जैसे-जैसे पेट में आपका शिशु बढ़ता है, आपका गुरुत्वाकर्षण केंद्र आगे की ओर बढ़ता है। आगे गिरने से बचने के लिए, आप पीछे झुक कर क्षतिपूर्ति(compensate) करते हैं - जिसकी वजह से आपकी पीठ के निचले हिस्से में मांसपेशियों में  तनाव हो सकता है और गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द का कारण बनता है। 

सही मुद्रा के लिए ये अभ्यास करें

  • सीधे और लंबे होकर खड़े हों।
  • अपनी छाती को ऊंचा रखे।
  • अपने कंधों को पीछे की ओर और रिलैक्स रखें।
  • घुटनो को लॉक मत करें।
  • जब खड़े हो तो अच्छे सपोर्ट के लिए दोनो पैर दूर-दूर रख कर खड़े हों(wide stance)
  • अगर आपको ज्यादा देर तक खड़े होना हो तो एक पैर को छोटे पैर वाले स्टूल या पीढ़े पर रखकर खड़े हो और थोड़ी थोड़ी देर तक पैर की अदला बदली करते रहें।
  • ऐसी कुर्सी पर बैठे जिसमें पीठ का सपोर्ट हो या कमर के पीछे तकिया रखिए।
  • 2.कुछ उठाने के लिए सही तरीका अपनाएं
  • पैरों के बीच में दूरी रखकर घुटने मोड़कर झुके और इस दौरान पीठ को बिल्कुल सीधा रखें (पीठ से न झुके)।
  • भारी सामान न उठाएं।
  • 3.इन वस्तुओ का इस्तेमाल करें
  • कम हील वाले जूते पहने (बिना हील वाले नहीं)ऊंची हील का इस्तेमाल ना करें। ऊंची हील के इस्तेमाल से सेंटर आफ ग्रेविटी और आगे हो जाती है जिससे आगे गिरने का खतरा रहता है।
  • मातृत्व सपोर्ट बेल्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं इस बेल्ट का इस्तेमाल का सही परिणाम अज्ञात है पर कुछ लोगों को इससे फायदा हो सकता है।
  • 4. करवट लेकर सोएं
  • पीठ के बल ना लेट कर करवट लेकर सोएं। दोनों घुटने मोड़ सकते हैं पर पीठ को ना मोड़ें। दोनों घुटनों के बीच में तकिया रखें। पेट के नीचेऔर पीठ के पीछे भी सपोर्ट के लिए तकिया रख सकते हैं।

5. गर्म या ठंडे से सिकाई करें

सिकाई से दर्द में आराम मिल सकता है।

प्रीनेटल मसाज मांसपेशियों के तनाव को कम करता है, जोड़ों की चाल में सुधार करता है और मानसिक तनाव कम करता है।

6. भरपूर नींद लें

अच्छी नींद बच्चे के विकास के साथ तनाव कम करता है।करवट लेकर लेटें।

कमर के कुछ खास व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें

कमर की ,पेट की, जांघ की ,कूल्हे की और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की ताकत(strength) बढ़ाने वाले व्यायाम करना चाहिए। यह व्यायाम धीरे धीरे और नियंत्रित तरीके से करना चाहिए।

Strengthening अवस्था को 3 से 10 सेकंड तक रोककर रखें (प्रैक्टिस करे)और व्यायाम को 10 से 25 बार तक दोहराएं।

गर्भावस्था में की जाने वाले कुछ व्यायाम निम्न है

अ. Pelvic tilt(पेट की मांसपेशियों के लिए)

पीठ के बल लेटें,घुटने मुड़े हुए हो और पैर के पंजे जमीन पर टिके हो। अब हाथ लगा कर देखिए आपके निचली पीठ और फर्श के बीच में कुछ जगह है, अब निचली पीठ को नीचे दबाकर यह जगह बंद करने की कोशिश करें।

ब. बांह और पैर उठाना(कमर और कूल्हे की मांसपेशियों के लिए)

दोनों पंजे और दोनों घुटने के बल मुद्रा बनाएं। अब दाहिना हाथ ऊपर और बाया पैर ऊपर उठाएं, थोड़ा देर रोकें और इसी प्रकार दोबारा बाया हाथ और दाहिना पैर उठाए, थोडी देर रोकें,इस प्रक्रिया में रीढ़ को सीधा रखें।

स. वॉल स्क्वॉट(पेट, कूल्हे और जांघ की मांसपेशियों के लिए)

सर, कंधे और पीठ से दीवाल से सट कर खड़े हो, पैर दीवाल से 1 से 2 फीट आगे हैं अब दीवाल से पीठ और सर सटे हुए नीचे की ओर इतना सरके कि आपका घुटना 90 डिग्री पर आ जाए।

इसी पोजीशन में ऊपर की तरफ जाएं, इसको 15-20 बार दोहराएं।

इसके अलावा टहलना और वाटर एक्सरसाइज भी की जा सकती है। और ज्यादा प्रकार के व्यायाम के बारे में जानने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए

अगर आपको कमर में तीव्र दर्द 2 हफ्ते या उससे ज्यादा समय से है तो डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपको दर्द निवारक दवाएं दे सकते हैं यहां यह भी ध्यान रखने योग्य है की गर्भावस्था में तेज दर्द, समय से पहले प्रसव पीड़ा या मूत्र नली में इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकता है इसलिए यदि तेज दर्द दो हफ्ते या उससे ज्यादा है तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।

Published by Vivekswarnkar

Dr. Vivek Swarnkar, an Orthopedic Surgeon with more than 15 years of experience.

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