रात में सोते समय चिंता anxiety,क्यों होती है?
जब आप रात को आराम करने के लिए लेटते हैं, तो आपका दिमाग उन सभी चिंताओं की ओर मुड़ जाता है, जिनके लिए दिन में उसके पास समय नहीं होता।
और रोज दिन में होने वाला तनाव यानि (stress) एड्रिनल gland (cortisol) व दूसरे हार्मोन्स को सक्रिय कर देता है,और नींद की परेशानियों (sleep troubles) को जन्म देता है।
शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
रात की खराब नींद अगले दिन थकावट की ओर ले जाती है और आपके शरीर की प्राकृतिक लय (circadian rhythm)को बाधित करती है। जिससे आपका शरीर दिन में चिंता(anxiety) के प्रति और संवेदनशील हो जाता है
इस तरह से ये रात्रि चिंता (nightime anxiety) एक दुष्चक्र यानी vicious cycle को जन्म देती है
- Sleep anxiety——>bad sleep——>daytime fatigue and stress——–>disturbed sleep/anxiety
अगर इस रात की चिंता(sleep anxiety) को ना रोका जाए या ध्यान ना दिया जाय तो यह जल्दी ही निद्रा रोग(sleeping disorders) में बदल जाता है, जिसे हम पहचान नही पाते, और अनजाने में छोटी समस्या समझकर इग्नोर करते रहते है।
पर निद्रा रोग(sleeping disorder) बन जाने पर इसका अपने आप ठीक होना बहुत मुश्किल होता है, हमें न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोसाइकियाट्रिस्ट की जरूरत पड़ती है।
Sleep anxiety से कैसे बचें
१. अच्छी नींद (good sleep)के लिए सबसे अच्छा डेली रूटीन का नियमित पालन है,खासकर खाने और व्यायाम में,
एक पूर्व निश्चित समय पर रोज खाना आपके शरीर की circadian rhythms को संतुलित करता है
२.सुबह या दोपहर बाद का नियमित व्यायाम cortisol लेवल कम करता है, जिससे रात की नींद संतुलित होती है, यह व्यायाम कम से कम सोने के ४-६ घंटे पहले होना चाहिए ।
३. सोने का एक तय समय निश्चित करे, उस समय जरूर सोने जाएं, इसको नियमित पालन करने पर आपका शरीर समय पर सोना सीख जायेगा
४. सोने के पहले(pre sleep) ये आजमा सकते हैं
•गुनगुने पानी से शावर (नहाना)
•किताबें पढ़ना
•soothing म्यूजिक सुनना
५.क्या ना खाएं
Alcohol और caffeinated ड्रिंक जैसे काफ़ी, चाय, चाकलेट का सेवन न करे,ये नींद पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
नोट=कुछ प्रकार की चाय जैसे chamomile और अन्य फूड अच्छी नींद में सहायक हैं,उनके बारे मैं अपने अन्य ब्लॉग में लिखूंगा।
सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को स्विच ऑफ़ रखे।ऐसा माना गया है, कि इनसे निकलने वाली कृत्रिम नीली रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करती है , जिससे नींद आने और नींद बरकरार रखने में परेशानी होती है।
मेडिटेशन और breathing technique
मेडिटेशन cortisol लेवल कम करता है,और अन्य सहायक हार्मोन्स बढ़ते हैं इसलिए मेडिटेशन ओवरऑल दिमागी संतुलन बनाने, एंग्जाइटी कम करने और अच्छी नींद में सहायक है।
Deep breathing , anxiety और stress level कम करने में काफी मददगार है। अगर आपको anxiety के साथ रात में पैनिक अटैक भी होते हैं तो डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज काफी सहायक होती है।
डॉक्टर Andrew well ने 4,7,8 breathing technique बताई है जो इसमें काफी सहायक है, इसके वीडियो कॉ लिंक भी नीचे दिया हुआ है
4-7-8 technique
• होठों को चिपका कर ,मन में एक से 4 तक गिनती गिन कर आराम से सांस अंदर लीजिए नाक से (inhale)
•फिर मन में एक से 7 गिनती तक सांस रोकिए(hold)
•फिर 1 से 8 की गिनती तक सांस छोड़ें और “whoosh” आवाज निकाले
शुरूवात में इसे ४ बार दोहराएं फिर धीरे धीरे ८ बार तक एक सिटिंग में करें।
4= सांस लेना
7 =सांस रोकना
8 =सांस छोड़ना
4,7,8 technique का वीडियो लिंक=== https://m.youtube.com/watch?v=k81doFtjOyw
https://m.youtube.com/watch?v=k81doFtjOyw
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए
•अगर anxiety लगातार आपकी नींद खराब कर रही हो और आपकी दिनचर्या प्रभावित हो रही हो, ऊपर दिए प्रयासों को करने के बाद भी।
•अगर आपकी चिंता 6 महीने से ज्यादा बनी हुई है।
•अगर आपको अपनी जिंदगी के 1 से अधिक एरिया में एंजाइटी हो रही है जैसे carrier ,school performance, personal relationship, job responsibility इत्यादि।
•अगर आपको कोई दूसरी बीमारी भी है जैसे हार्ट प्रॉब्लम ,बीपी, थायराइड, लो ब्लड शुगर,इत्यादि।
अगर आप जल्दी ही साइकोलॉजिस्ट क्या साइकेट्रिस्ट से सलाह लेते हैं तो वह आपकी एंजाइटी का कारण ढूंढकर उसका सटीक इलाज करते हैं। इसलिए डॉक्टर कंसल्टेशन आवश्यक है।
ब्लॉगर मेडिकल प्रैक्टिशनर है, जिन्हे 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है, ऊपर दी गई जानकारी नींद और एंजाइटी के बारे में सामान्य जानकारी है, अगर आपको कोई बीमारी है तो एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह लेना अति आवश्यक है।
मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद, आपको यह ब्लॉग कैसा लगा, और किस मेडिकल समस्या के बारे में आप ब्लॉग चाहते हैं कृपया सुझाव दें। धन्यवाद
अतिउत्तम
Great Post sir🙏🙏
Do write something on “”Page 3”
thanks for responding,pls tell what exactly do u need on topic page 3.